पंजाबी शादी की रस्में | Punjabi Shaadi Ki Rasme Hindi

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भारत विभिन्न प्रकार के जन जातियों से परिपूर्ण राष्ट्र है । एवं सभी जातियों के अपने अपने रिती रिवाज हैं । एवं सभी रिवाजों का अपना एक अलग ही महत्व होता है। इन्हीं रस्मों रिवाजों के सिलसिले में आज हम जानेंगे पंजाबियों के विवाह में निभाई जाने वाली रस्में एवं उनके महत्व। पंजाबी विवाह काफी भिन्न और अनोखे होते हैं। इनके विवाह चाहे अत्यधिक सामान्य ही क्यों ना हों किंतु बड़े अनोखे और आनंद पूर्ण होते हैं। आइए जानते हैं पंजाबी विवाह की रस्मों रिवाज के विषय में।

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पंजाबी विवाह के रीति – रिवाज़ | Punjabi Shaadi Rituals in Hindi

पंजाबी शादी के बारे में जानने के लिए बहुत सारे लोग उत्सुक रहते हैं | क्योंकि इस शादी में नाच – गाना तो होता ही है साथ में बहुत से ऐसे रीती रिवाज़ भी होते हैं जो भावनाओं से भरे होते हैं | वर-वधु के साथ साथ दोनों और के परिवार भी इसके लिए उत्साहित रहते हैं | तो चलिए जानते हैं एक एक करके पंजाबी शादी के रीती रिवाज़ |

1. रोके की रस्म | Punjabi Shaadi Roka Rasm

पंजाबी विवाह की प्रथम रस्म है रोके की रस्म | इस रस्म को वर के घर पर पूरा किया जाता है। एवं इसमें वधु उपस्थित नहीं होतीं इस रस्म में वर को मिठाइयां ,उपहार एवं दक्षिणा दी जाती है।

2.दूसरी रस्म है तिलक की रस्म | Tilak Punjabi Shadi Riti Riwaz

इस रस्म में वधु के पिता वर्ग के माथे पर तिलक लगाकर उन्हें छुआरे खिलाते हैं। यह पंजाबी विवाह की दूसरी महत्वपूर्ण रस्म है।

3. हल्दी तेल की रस्म | Haldi Punjabi Shadi Ritual

हल्दी की रस्म किसी भी विवाह के पहले अत्यधिक महत्वपूर्ण होती है। हिल्दी अत्यंत शुभ होने के कारण किसी भी कार्य के प्रारंभ करने से पूर्व हल्दी का उपयोग बड़ा शुभ माना जाता है। इसी कारण विवाह से कुछ दिन पूर्व ही हल्दी की रस्म शुरू कर दी जाती है। जिसमें कि दूल्हा दुल्हन के सगे संबंधी एवं मित्र आदि मिलकर उन्हें हल्दी एवं तेल लगाते हैं। किंतु वर्तमान समय में समय की कमी होने से इस रस्म को 3 दिन पूर्व अथवा 1 दिन पूर्व ही प्रारंभ किया जाता है।

4. संगीत की रस्म | Punjabi Marriage Sangeet Ritual

हल्दी की रस्म की प्रारंभ वाले रात से ही संगीत का रस्म भी प्रारंभ किया जाता है।जिसे कुछ स्त्रियां मिलकर रात्रि के समय में विवाह के गीत इत्यादि गाकर पूर्ण करती थीं। किंतु वर्तमान आधुनिक समय में अधिकतर विवाहों में महिला संगीत के स्थान पर डीजे सॉन्ग इत्यादि का प्रचलन बढ़ गया है।

5. सेहरा बांधने की रस्म | Punjabi Wedding Sehra Ritual

विवाह वाले दिन दूल्हे के घर पर एक विशेष पूजा का अनुष्ठान किया जाता है। एवं पूजा पूर्ण होने के पश्चात पंडित जी दूल्हे को सेहरा और गुलाबी चुनर आशीर्वाद के रूप में देते हैं। वर की बहन उन्हें वह सेहरा बांध देती है एवं इसे सेहरा बंदी की रस्म कहते हैं।

6. सुरमा लगाने की रस्म | Punjabi Marriage Surma Ritual

घोड़ी चढ़ने से पूर्व वर की भाभी उनके आंखों में सूरमा लगाती हैं। जिससे कि किसी की बुरी नजर से दूल्हा प्रभावित ना होने पाए।यह पंजाबी विवाह का छठवां महत्वपूर्ण रस्म है।

7. घोड़ी चढ़ने की रस्म | Punjabi Wedding Ghodi Ki Rasm

सिख विवाह के वर पक्ष की ओर से निभाई जाने वाली रस्मों में से सातवां महत्वपूर्ण रस्म है घोड़ी चढ़ने का रस्म। प्राचीन काल में किसी युद्ध के लिए प्रस्थान करने हेतु योद्धा जन घोड़े की सवारी का ही चयन करते थे। क्योंकि घोड़ा बल और शौर्य का प्रतीक माना जाता है। इसी कारण विवाह जैसे शुभ कार्य हेतु बारात प्रस्थान करती है। तो दूल्हे घोड़ी पर सवार होकर अपने नए जीवन की प्रारंभ हेतु प्रस्थान करता है। किंतु बारात के प्रस्थान करने से पूर्व वर की बहनें घोड़े को गुङ एवं चने की दाल खिलाती है एवं वर उन्हें नेंघ देते हैं। एवं दूल्हे के साथ छोटे भाई, भतीजे अथवा भांजे को भी घोड़ी पर बिठाया जाता है। जोकि पूरी बारात में उनके साथ ही बैठा होता है।

8. समधी मिलन की रस्म | Punjabi Wedding SAmdhi Milan Rasm

बारात के विवाह स्थल तक पहुंचने पर वधू पक्ष के लोग वर पक्ष के लोगों का स्वागत सम्मान करते हैं। एवं वर पक्ष से वर के पिता,चाचा,मामा इत्यादि एवं वधू पक्ष से वधु के पिता चाचा मामा इत्यादि एक दूसरे से गले मिलते हैं। एवं वधू पक्ष के लोग वर पक्ष के लोगों को फूलों की हार एवं उपहार आदि देते हैं।

इसके अतिरिक्त वधू पक्ष की ओर एक और रस्म निभाई जाती है। जिसमें वधु के मामा जी वधु को चूड़ा देते हैं ।जिसे परिवार के सभी बड़े स्पर्श कर- कर के अपना आशीर्वाद प्रदान करते हैं। एवं दुल्हन की आंखें बंद करके उसे यह पहनाया जाता है। इसके पश्चात उस चुड़े को बाद में किसी कपड़े से ढक दिया जाता है।

9. मांग भराई की रस्म | Punjabi Shaadi Mang Bharai Rasm

मांग भराई की रस्म को विवाह के वक्त दूल्हा दुल्हन की मांग में सिंदूर भरकर पूर्ण करता है। सिंदूर स्त्री के लिए सौभाग्य का प्रतीक होता है। इसलिए इसे सिर पर बिल्कुल बीच में भरे जाने का रिवाज है। क्योंकि सिर यह का हिस्सा स्त्रियों के शरीर का सबसे ऊंचा स्थान होता है। जिसका अर्थ है कि वह अपने जीवन में सुहाग को सबसे ऊंचा स्थान प्रदान करती है । एवं मांग भराई की रस्म को वर के द्वारा पूर्ण करने का एक संकेत यह भी है ।कि आज से वधु के द्वारा किसी भी प्रकार के किए जाने वाली मांग को वर पूर्ण करेगा। यह मांग भराई की रस्म सोने चांदी की अंगूठियों अथवा चांदी के सिक्के द्वारा भी पूर्ण किया जाता है। क्योंकि सोने को सबसे पवित्र धातु माना गया है एवं इसमें भगवान का वास भी माना जाता है। एवं चांदी चंद्र से संबंधित धातु है जो की ठंडक का प्रतीक है। अतः चांदी की अंगूठी या सिक्के से मांग भरे जाने पर संबंधों में नरमी होती है।

निष्कर्ष | Punjabi Marriage Rituals List in Hindi

शादी 99 की आज की पोस्ट में हमने आपको पंजाबी शादी से सम्बंधित बहुत सारे रीति रिवाजों की जानकारी दी है | यह रीति रिवाज़ शादी को बहुत ही रोमांचकारी बना देते हैं |

हमने यहाँ अनुभवों के आधार पर जानकारी दी है | अगर आपके पास पंजाबी विवाह से सम्बंधित और कोई भी रीति – रिवाज़ हो तो हमें जरुर लिखें | हम अपनी पोस्ट को अपडेट जरुर करेंगे |



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Posted by: Shaadi99

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